ढोरी माता तीर्थालय में वार्षिक महोत्सव शोभा यात्रा के साथ आरंभ
शोभा यात्रा में हजारीबाग धर्मप्रान्त के धर्म गुरु आनंद जो जो विशप रहे मुख्य रूप से शामिल
कथारा : जारंगडीह स्थित ढोरी माता तीर्थालय में वार्षिक महोत्सव शोभा यात्रा के साथ शनिवार से विधिवत रूप से आरंभ हो गया। शोभा यात्रा ढोरी माता तीर्थालय से निकल कर पुराना चर्च होता हुआ जारंगडीह खुली खदान गेट के समीप तक गया। वहां से पुनः ढोरी माता तीर्थालय पहुंचकर प्रार्थना सभा में तब्दील हो गया। मौके पर मौजूद बतौर मुख्य अतिथि सह धर्मप्रान्त हजारीबाग के धर्म गुरु आनंद जो जो विशप द्वारा प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इसमें ईसाई धर्मावलंबियों के अलावे स्थानीय लोगों के साथ साथ दूर दराज से आए सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष, युवक, युवतियां शामिल थी।
ज्ञात हो कि ईसाई धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में ढोरी माता तीर्थालय भी शामिल है। यहां हर वर्ष ढोरी माता का वार्षिक महोत्सव का आयोजन होता रहा है। मौके पर यहां भव्य मेले का भी आयोजन होता है। यहां पहुचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पांव रखने तक की भी जगह नही बचती है। हालांकि स्थानीय व्यवस्थापक मंडली इस बात का पूरी तरह ध्यान रखती है कि आगंतुकों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। आगंतुकों के लिए आयोजन समिति द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं। जहां उन्हें मुलभूत सुविधा मुहैया करवाई जाती है। तीन दिनों तक चलने वाले यह धार्मिक महोत्सव में विधि व्यवस्था के मद्देनजर स्थानीय पुलिस प्रशासन पुरी तरह मुस्तैद रहती है। बता दें कि शोभा यात्रा के दौरान विधि व्यवस्था का नेतृत्व सेवादल और स्काउट एवं गाइड के युवा कर रहे थे।
ढोरी माता तीर्थालय से निकाली गई शोभा यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
मिली जानकारी के अनुसार शोभा यात्रा के दौरान माता मरियम और प्रभू ईशू की अद्भुत प्रतिमा को शीशे के बाक्स में रखकर पुरे शोभा यात्रा के दौरान सबसे आगे डोली पर रखा जाता है, और श्रृद्धालुगण, धर्म गुरु एवं धर्मावलंबियों द्वारा यात्रा के दौरान प्रार्थना किया जाता है। यात्रा की समाप्ति के बाद उक्त प्रतिमा को ढोरी माता तीर्थालय में पुनः स्थापित कर दिया जाता है। इसके बाद मोमबत्ती जलाकर तथा प्रार्थना आदि के अलावे लोग प्रभू ईशू के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस अवसर पर पल्ली पुरोहित ने मिस्सा पूजा व प्रार्थना कराई। जिसमें हजारों महिला एवं पुरुषों ने भाग लिए। ज्ञात हो कि ढोरी माता वार्षिक महोत्सव प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह के अंतिम शनिवार व रविवार को मनाया जाता हैं। वार्षिक महोत्सव में राज्य ही नहीं बल्कि देश विदेश के श्रद्धालु भी दर्शन को पहुंचते हैं।