बंद पड़े कुलाधिपति व्याख्यान माला फिर होगा प्रारंभ।कैंपस डेवलपमेंट प्रोग्राम की की गई घोषणा।

बंद पड़े कुलाधिपति व्याख्यान माला फिर होगा प्रारंभ।कैंपस डेवलपमेंट प्रोग्राम की की गई घोषणा।

विश्वविद्यालय का बंद अतिथि भवन किया जाएगा चालू।

सब मिलकर विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए कार्य करेंगे: कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार सिंह।

विनोबा भावे विश्वविद्यालय में फिर से कुलाधिपति व्याख्यान माला का किया जाएगा आयोजन। शनिवार को कुलपति सभागार में आयोजित संकायअध्यक्ष, विभागाध्यक्ष तथा निदेशकों की उच्च स्तरीय बैठक में उक्त प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार सिंह ने किया। बैठक के संचालन में अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ उमेंद्र सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।इस संबंध में तय किया गया की 28 अप्रैल तक सभी विभागाध्यक्ष तथा निदेशक विस्तृत प्रस्ताव बनाकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव को समर्पित करेंगे। इसमें यह छूट दी गई कि दो-चार विभाग मिलकर अंतर विभागीय व्याख्यान का आयोजन कर सकते हैं। प्रस्ताव लिया गया की पीएचडी की मौखिक परीक्षा लेने के लिए जो विषय विशेषज्ञ दूसरे विश्वविद्यालय से आते हैं, उनसे भी इसी कार्यक्रम के अंतर्गत व्याख्यान का आयोजन कराया जा सकता है। कुलपति ने बताया कि इससे संबंधित वित्त के प्रबंध के लिए वह बहुत जल्द विश्वविद्यालय के वित्त परामर्शी एवं वित्त पदाधिकारी से विमर्श करेंगे।
कुलपति ने कैंपस डेवलपमेंट प्रोग्राम की भी घोषणा की। इसके तहत पहले चरण में विश्वविद्यालय मुख्यालय को विकसित किया जाएगा एवं बाद में महाविद्यालयों में भी इस कार्यक्रम को चलाया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए कुलपति ने बताया कि इसमें विद्यार्थियों, पूर्व विद्यार्थियों, टॉपरो तथा शोधार्थियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। उक्त प्रस्ताव पर विभाग के शिक्षक, पूर्व शिक्षक, समाज के गण्य मान्य लोगों तथा मीडिया के साथियों से विमर्श होगी। इस तरह बने प्रस्ताव विभाग के अध्यक्ष के द्वारा कुलसचिव को समर्पित किया जाएगा। कुलपति के द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति से अनुमोदित होने के उपरांत उक्त प्रस्ताव पर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।कुलपति ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय का अतिथि भवन उपयोग में नहीं है। अतिथि भवन के जीर्णोद्धार के लिए तथा इसमें ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था प्रारंभ करने का प्रस्ताव लिया गया। विश्वविद्यालय परिसर में पशुओं के आवागमन पर कुलपति ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि इसके लिए विश्वविद्यालय की चाहरदीवारी को तत्काल दुरुस्त करने का कार्य किया जाएगा।उन्होंने बताया कि वह विश्वविद्यालय के कक्षाओं की स्थिति से असंतुष्ट है। कक्षाओं को राष्ट्रीय स्तर पर उन्नत करने के लिए विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए।सभी विभागाध्यक्ष तथा विभाग के निदेशकों को कहा गया कि अपने विभाग के जिर्णोद्धार संबंधी जरूरी कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर 28 अप्रैल तक कुलसचिव को समर्पित कर सकते हैं। इस तरह के सभी प्रस्ताव का अध्ययन उपरांत चयन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया। उक्त समिति का अध्यक्ष विश्वविद्यालय के सीसीडीसी को बनाया गया तथा समिति में कुलसचिव और वित्त पदाधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए गए। कुलपति ने विकास कार्यों के लिए एक कॉरपस फंड बनाने का प्रस्ताव दिया जिसे स्वीकृत किया गया।
विभागाध्यक्षों की शिकायत पर कुलपति ने निर्देश दिया कि सभी भवनों में पेयजल व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त किया जाए। यह भी निर्देश दिया गया कि सीसीडीसी संभाग के द्वारा जो सेनेटरी व बिजली कार्य से संबंधित सर्वे कराई गई थी, उस पर भी कार्य प्रारंभ किया जाए।
विश्वविद्यालय परिसर में लघु सिंचाई की संभावनाओं पर कार्य करने का प्रस्ताव लिया गया। विश्वविद्यालय मुख्यालय में अवस्थित बिनोदिनी पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया।
वर्षा एवं गर्मी के मौसम में विद्यार्थियों की असुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय के दोनों प्रवेशद्वार से विश्वविद्यालय के भवनों को जोड़ने के लिए छायादार पाथवे बनाने का प्रस्ताव लिया गया। शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वाहनों के लिए वाहन पड़ाव बनाने का निर्णय लिया गया। दोनों ही मामलों में सीसीडीसी संभाग को प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया गया। के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया।
वर्षा एवं गर्मी के मौसम में विद्यार्थियों की असुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय के दोनों प्रवेशद्वार से विश्वविद्यालय के भवनों को जोड़ने के लिए छायादार पाथवे बनाने का प्रस्ताव लिया गया। शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वाहनों के लिए वाहन पड़ाव बनाने का निर्णय लिया गया। दोनों ही मामलों में सीसीडीसी संभाग को प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया गया।के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया।
वर्षा एवं गर्मी के मौसम में विद्यार्थियों की असुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय के दोनों प्रवेशद्वार से विश्वविद्यालय के भवनों को जोड़ने के लिए छायादार पाथवे बनाने का प्रस्ताव लिया गया। शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वाहनों के लिए वाहन पड़ाव बनाने का निर्णय लिया गया। दोनों ही मामलों में सीसीडीसी संभाग को प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया गया।

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