बांध पंचायत के लोगों में छाई भिषण जलसंकट लोग दूषित पानी पिने को हैं विवश।
जांच हेतू पानी का सेंपल लेने पहुचे झारखंड सरकार के जल बोर्ड के बोकारो जिला जल प्रयोगशाला के कर्मचारी।
फिल्टर प्लांट की दुर्दशा और गंदे पानी को देखते ही बोले इस दूषित पानी को पिकर यहाँ के 90% लोग गंभीर रोगों की चपेट में आएंगे इसका जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए और इसपर त्वरित कार्यवाही हेतु यहां के जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है,हम यहाँ से सेंपल लेकर जा रहे हैं इसपर संज्ञान जल बोर्ड के अधिकारीगण को जल्द से जल्द लेने का हम आग्रह करेंगें,और यहाँ के पानी की समस्या को जल बोर्ड के जिला प्रयोगशाला के सरकारी पोर्टल के माध्यम से हम सरकार तक बात रखेंगे। आज बांध जलापूर्ति योजना के इनटेक वेल,फिल्टर प्लांट,जल मिनार,और पाइपों में सड़ी गली गंदगी भरी पड़ी है जिसकी नियमित साफ सफाई होनी चाहिए थी।
गोमियां:— बाँध-पंचायत के घरों में दूषित जल के सप्लाई होने से लोग बिमार हो रहे हैं। करोडों की लागत से बनी झारखंड सरकार के जलापूर्ती योजना का हाल समुचित रखरखाव नहीं होने के साथ साथ इनटेक वेल,फिल्टर प्लांट,जलमीनार और पाईप लाइन का वर्षों से नियमीत सफाई नहीं होने से आज यह परियोजना बहुत दयनीय स्थिती में है।आज पूरे पंचायत के लोगों में व्यापक जलसंकट वर्षों से उत्पन्न है पर किसी को अबतक यहां के लोगों की पानी की विकट समस्या से कोई परवाह नहीं है,बाँध पंचायत के लोगों का सरकार से कहना है की उनकी हजारो एकड जमीन पर डिभीसी,सीसीएल,और ओएनजीसी,जैसे सरकारी बड़े बड़े औद्योगिक प्लांट फल फुल रहे हैं,पर रैयत विस्थापित मूलभूत सुविधाओं से आज तक वंचित हैं।आज पानी आपूर्ती करने की भी कोई तय समय सीमा नहीं है, सप्ताह दश दिन में एक बार गंदी दूषित जल मिलती है,नियमित साफ सफाई नहीं करने से गंदगी का अंबार चारो ओर पसरा है।
.स्थानीय बाबूराम टोला निवासी रुपलाल गोप—जिनका घर फिल्टर प्लांट से 70 मीटर की दूरी पर स्थित है उनका कहना है यह विडंबना है की हमारी जमीन को लेकर बड़े बड़े कारखाने बने हैं और आज हमलोग धुल डस्ट खाकर पानी,सड़क,लाईट जैसी मूलभुत सुविधा के लिए तरस रहे हैं।आज बाहर से आकर के लोग हमारी जमीन पर लगी संस्थानों में कार्य और व्यापार करके हर एक सुविधा का लाभ ले रहे हैं। हम अपने चचेरे भाई सुरेश गोप और रामचंद्र गोप से परसों शाम लगभग ,06:30 बजे सायकिल से बोतलों में ठंढा पानी भरकर लाते देखा पूछा तो मालूम चला बोकारो थर्मल रेलवे स्टेशन में लगे फ्रिजर से भरकर पानी लाये हैं,तब इस पानी की समस्या को लेकर हम तीनों चर्चा कर रहे थे,की थर्मल बोकारो और कथारा में दर्जनों बडे़ बडे़ खटाल हैं जहाँ भैंसों को गर्मीयों में फिल्टर पानी से रोज स्नान कराते हैं।परंतु वैसा पानी पीने के लिए बाँध-पंचायत के लोगों के बाप,दादा,परदादा को छोड़ दिजिए आज वर्तमान समय में हमलोग को भी पीने को नसीब नहीं हो रही है। मजबूरी में झारखंड सरकार के जलमिनार से सप्लाई होती सड़ी हुई बदबूदार दूषित पानी पिने को हमलोग विवश हैं और स्पलाई का पानी भी नियमित नहीं मिलने से बोकारो नदी से पानी महिलाओं को जाकर लाना पड़ता है तो कोई बोतल बंद पानी 1.5 रुपया लिटर लेकर पिते हैं ।
.सेवाचंद यादव, प्रदिप गोप, का कहना है फिल्टर प्लांट के सबसे निकट हमलोगों का घर है ,आज जो बांध पंचायत के घरों तक सप्लाई का दूषित जल पहुँचती है,उस जल में घरों और नालियों से निकलने वाली गंदा पानी भी लिक करके मैन पाईप के जरिए हर दिन हजारों लिटर नाले का दूषित पानी लोगों के घर तक पहुंच रही है।
.रामचंद्र यादव कहते हैं आज कहीं ना कहीं बांध पंचायत का हाल— अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर दुध टके सेर खाजा,जैसी हो गई है,आज हमारे जनप्रतिनिधि आंख और कान से लाचार हैं,उन्हे जनता का दर्द दिखाई और सुनाई नहीं देता खैर कोई बात नहीं काठ का हंडिया एक ही बार।
. महली बांध रवानी टोला के सुंदर राम रवानी जी का कहना है— दुरभाष से मैने हमारे पंचायत की मुखिया के पुत्र और मुखिया प्रतिनिधि बबलू यादव को कितनी बार फोन करके पानी की विकट समस्याओं से अवगत कराया पर लगता है वह सेल और सरकारी योजनाओं के चक्कर में व्यस्त हैं,और मुखिया योजना का जनता कि बदहाल व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है इस विषय पर जिप सदस्य आकाश बाबू से मेरा कल बात हुआ है,मंत्री जी और उनके पंचायत प्रतिनिधियों से गुहार है जनता के इस दर्द को समझिए लोग विभिन्न बिमारीयों से इस दूषित जल को नियमित नहीं पिते हैं फिर भी पिकर ग्रसित हो रहे हैं ।
. बाबूराम टोला के अनुभवी बुजूर्ग सरयू प्रसाद का भी अन्य लोगों की तरह कहना है हमारा घर मुख्य चौक पर है और यहां से 150 मिटर की दूरी पर फिल्टर प्लांट स्थित है,पर हमलोग कभी भी फिल्टर प्लांट में मुखिया और उनके प्रतिनिधि पुत्र को आते जाते नहीं देखा है,अगर वह आता तो साफ पानी के लिए लोगों को तरसना नहीं पड़ता,बहुत दुखी होता हुं पर अब हमारी भागदौड़ करने की उमर नहीं रही रिटायर्ड आदमी हुं,अभी पेयजल मंत्री हमारे गोमियां के विधायक हैं तो उनसे कहना है बांध के बदहाली में जी रही जनता का सुध लिजीए।
.वहीं स्थानीय महिला गुंजरी देवी का आॉन कैमरा कहना है,महिना में चार पांच दिन पानी खुलता है,और मुखिया का बेटा सिर्फ पानी का पैसे लेने आता है पर जो पानी सप्लाई होती है उसे हमारे पशु भी नहीं पिते हैं। आज जो कभी कभी सप्लाई का पानी मिलता है उस पानी में मल मूत्र और गंदगी होती है ।
.वहीं सुरेश गोप,रामचंद्र गोप कहते हैं हमलोग हरदिन मजदूरी करने बोकारो थर्मल जाते हैं और वहीं से 6से 7 किलो मीटर दूर बोकारो थर्मल का शुद्ध सप्लाई का पिने का पानी भरकर शाम को आते वक्त ले आते हैं। जबकी सीसीएल और डिभीसी के फिल्टर पानी का लुत्फ आज खटालों की गाय भैंस उठा रही हैं।और हमें अपने पशुओं को मजबूरन में नदी लेजाकर पानी पिलाना पड़ता है। इस जलसंकट से हमारे पशुओं के दुग्ध उत्पादन न के बराबर होता है,ओएनजीसी का प्लांट जब से महलीबांध के चारो ओर ला है,और सीसीएल भी धिरे धिरे करीब आता जा रहा है तब से भूमिगत जल का लेयर निचे चला गया है। हैंडपंप और कुंओं का पानी अभी से ही सुख चूके हैं।
वहीं सुंदर राम रवानी,तालेश्वर ठाकुर,सिकंदर राम,मनीलाल सिंह,बैजनाथ रजवार का कहना है,की हमलोगों ने मुखिया पुत्र को कह कह कर थक गये पर आज तक समस्या ज्यों का त्यों है।भुनेश्वर रजवार ने कहा हमलोग जल समस्या से सम्बन्धित लेटर पीएचडी विभाग के उच्चाधिकारीयों समेत स्थानीय प्रसाशन और नेता गण को दिए हैं,केंदुवा टोला,टंडिया पार ,कटलवा गजार तक सप्लाई पानी का प्रेशर आता नहीं क्या कारण है जो पहले आता था अब मोटर भी नया लगा है..? पर समस्या क्यों हो रही है यह जांच का विषय है,हमारी इस भीषण जल संकट के लिए त्वरित कार्यवाही किसी ने नहीं की लोग बदहाली में जी रहे हैं,
और आज बांध जलापूर्ति योजन स्वयं रोग और गंदगी से गृसित होकर लोगों को बीमार करती योजना बनकर रह गई है।
सबने एक बात कहा आपके न्यूज के माध्यम से हम समस्त ग्रामीणों का माननीय पेयजल और स्वच्छता विभाग के मंत्री श्री योगेन्द्र प्रसाद जी से कहना है हमारी विकट पानी की समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द संज्ञान लेकर बांध पंचायत के जल समस्या का समाधान करें।
आज बांध पंचायत के लोगों का मंत्री श्रीप्रसाद से गुहार है उनकी जल समस्या का संज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही हो जिससे भिषण गर्मी का दंश बांध पंचायत के ग्रामीण लोग ना झेलें।कथारा से शिवशंकर सिंह की रिपोर्ट।