बांध पंचायत के लोगों में छाई भिषण जलसंकट लोग दूषित पानी पिने को हैं विवश।

बांध पंचायत के लोगों में छाई भिषण जलसंकट लोग दूषित पानी पिने को हैं विवश।

गोमियां:— बाँध-पंचायत के घरों में दूषित जल के स्पलाई होने से लोग बिमार हो रहे हैं। करोडों में बनी झारखंड सरकार के जलापूर्ती योजना का हाल समुचित रखरखाव नहीं होने से आज बहुत दयनीय स्थिती में है।आज यहाँ के लोगों में व्यापक जलसंकट वर्षों से उत्पन्न है पर किसी को अबतक यहां के लोगों की पानी की विकट समस्या से कोई परवाह नहीं है,बाँध पंचायत के लोगों का सरकार से कहना है की उनकी हजारो एकड जमीन पर डिभीसी,सीसीएल,और ओएनजीसी,जैसे सरकारी बड़े बड़े औद्योगिक प्लांट फल फुल रहे हैं,पर रैयत विस्थापित मूलभूत सुविधाओं से आज तक वंचित हैं।
स्थानीय निवासी रुपलाल गोप का कहना है यह विडंबना है हमारी जमीन को लेकर बड़े बड़े कारखाने बने हैं और आज हमलोग धुल डस्ट खाकर पानी,सड़क,लाईट को तरस रहे हैं।और बाहर के लोग मजा ले रहे हैं ,आज थर्मल बोकारो और कथारा में दर्जनों बडे़ बडे़ खटाल हैं जहाँ भैंसों को भी फिल्टर पानी से रोज स्नान कराते हैं वैसा पानी पीने के लिए बाँध-पंचायत के लोगों के बाप,दादा,परदादा को छोड़ दिजिए आज वर्तमान समय में हमलोग को भी पीने को नसीब नहीं हो रही है। मजबूरी में झारखंड सरकार के जलमिनार से सप्लाइ होती सड़ी हुई बदबूदार दूषित पानी पिने को हमलोग विवश हैं आज जो बांध पंचायत के लोगों तक पानी पहुँचती है,उस पानी में लोगों के घरों और नालियों से निकलने वाली पानी भी लिक करके मैन पाईप के जरिए हर दिन हजारों लिटर नाले का दूषित पानी लोगों के घर तक पहुंच रही है,आज बांध पंचायत का हाल अंधेर नगरी चौपट राजा के कहानी को सिद्ध करती है,हमारे पंचायत की मुखिया अपने पुत्र प्रतिनिधि बबलू यादव पर निर्भर हैं, और उनके पुत्र को जनता की बदहाल व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है । हमारा घर यहां से 60 मिटर की दूरी पर स्थित है,पर हमलोग कभी भी इस फिल्टर प्लांट में मुखिया और उनके प्रतिनिधि पुत्र को आते जाते नहीं देखा,वहीं स्थानीय महिला गुंजरी देवी का कहना है,महिना में चार पांच दिन पानी खुलता है पर वह पानी हमारे पशु भी नहीं पिते वहीं सुरेश गोप,रामचंद्र गोप कहते हैं हमलोग हरदिन मजदूरी करने बोकारो थर्मल जाते हैं और वहीं से 6से 7 किलो मीटर दूर बोकारो थर्मल का शुद्ध सप्लाई का पिने का पानी भरकर शाम को आते वक्त ले आते हैं। जबकी सीसीएल और डिभीसी के फिल्टर पानी का लुत्फ आज खटालों की गाय भैंस भी उठा रही हैं।और हमें अपने पशुओं को मजबूरन में नदी लेजाकर पानी पिलाना पड़ता है। इस जलसंकट से हमारे पशुओं के दुग्ध उत्पादन न के बराबर होता है,ओएनजीसी का प्लांट जब से महलीबांध के चारो ओर ला है,और सीसीएल भी धिरे धिरे करीब आता जा रहा है तब से भूमिगत जल का लेयर निचे चला गया है। हैंडपंप और कुंओं का पानी अभी से ही सुख चूके हैं।
वहीं सुंदर राम रवानी, सिकंदर राम,मनीलाल सिंह,बैजनाथ रजवार का कहना है,की हमलोगों ने मुखिया पुत्र को कह कह कर थक गये पर आज तक समस्या ज्यों का त्यों है।भुनेश्वर रजवार ने कहा हमलोग जल समस्या से सम्बन्धित लेटर पीएचडी विभाग के उच्चाधिकारीयों समेत स्थानीय प्रसाशन और नेता गण को दिए हैं पर हमारी इस विकट जल समस्या के त्वरित कार्यवाही किसी ने नहीं की लोग विहार हो रहे हैं और आज बांध जलापूर्ति योजना लोगों को विमार करती योजना बनकर रह गई है।
आपके न्यूज के माध्यम से हम ग्रामीणों का माननीय पेयजल और स्वच्छता विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद जी से कहना है हमारी विकट पानी की समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द संज्ञान लेकर बांध पंचायत के जल समस्या का समाधान करें। कहीं ना कहीं आज यहाँ के लोगों का मंत्री श्रीप्रसाद से गुहार है उनकी जल समस्या का त्वरित कार्यवाही हो जिससे भिषण गर्मी का दंश बांध पंचायत के ग्रामीण लोग ना झेलें।शिवशंकर सिंह की रिपोर्ट।

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