दिसोम जाहेर थान दुमका में की गई हरियाड़ पूजा
धान रोपने के बाद फसल को कीड़े-मकोड़ों से बचाने, खेत के पगडंडी में चारा के लिए हरी-भरी घांस और अच्छी फसल के लिए की जाती है हरियाड़ पूजा
दुमका : शनिवार को दिसोम जाहेर थान दुमका में दिसोम नायकी बाबा सीताराम सोरेन एवं मांझी बाबा विशाल मरांडी के अगुवाई में सैकड़ों आदिवासी समुदाय के लोगों ने हरियाड़ पूजा की।
ज्ञात हो कि हरियाड़ पूजा संताल आदिवासियों में धान रोपने के बाद फसल को कीड़े-मकोड़ों से बचाने, खेत के पगडंडी व आसपास के क्षेत्रों में पशुओं के चारा के लिए हरी-भरी घांस और अच्छी फ़सल के लिए हरियाड़ पूजा की जाती है। इस अवसर पर दिसोम जाहेर थान में संताल आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपनी परंपरागत वेशभूषा पंछी-लूंगी में आकर पूजा अर्चना की। इस मौके पर जाहेर थान में साल के पौधे भी लगाए गए।
तत्पश्चात दिसोम मांझी बाबा विशाल मरांडी के अध्यक्षता में समीक्षा सह मासिक बैठक की गई। जिसमें संताल परगना के विभिन्न जिलों से लोग मौजूद रहे। बैठक में धार्मिक, सामाजिक व आर्थिक रूप से आदिवासी समाज कैसे सशक्त बने, इस पर विस्तार से चर्चा की गयी। साथ ही साथ मांझी बाबा के नेतृत्व में आने वाले एक महीने के कामों को चिन्हित कर काम को पूर्ण करने की सहमति बनी।
मौके पर सुरेशचंद्र सोरेन, दीपक हेम्ब्रम, निलेश हांसदा, झुमरी सोरेन, मुनी सोरेन, राम प्रसाद हांसदा, मुकेश आरडीएक्स टुडू,बीनीलाल टुडू, सुशील मरांडी, रघुनाथ, सीमांत हांसदा, प्रेम हांसदा, स्टेनली हेंब्रम, लकी संतोष, बालकिशोर, लव किशोर, बिमल हेंब्रम, राम-लक्षण हांसदा, सुनील मरांडी, मोहन टुडू, अमीन बास्की समेत सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद रहे।