स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में हो रही गड़बड़ी के खिलाफ जलसहियाओं का एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन कमीशनखोरी एवं विभाग पर मनमानी का लोग लगा रहे आरोप
गिरिडीह : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज 2 के कार्यो में भारी कमीशन खोरी एवं मनमानी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जलसहियाओ ने कमर कस लिया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज 2 के तहत नाडेप, वर्मी कंपोस्ट, सोख्ता गड्ढा, इंसीनरेटर आदि प्रत्येक ग्राम स्तर पर बनाया जाना है जो कि “ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति” के द्वारा वेंडर के माध्यम से बनाने का प्रावधान है। विभाग एवं मुखिया के आपसी सांठ-गांठ से जलसहिया को बिना कोई जानकारी दिए डायरेक्ट वेंडर के खाते में योजना की राशि हस्तांतरित कर दी जा रही है और वेंडर से कमीशन के तौर पर मोटी रकम वसूली जा रही है।
बता दें कि यह सारी योजनाएं ग्राम स्तर पर जलसहिया एवं मुखिया के संयुक्त हस्ताक्षर से राशि निकासी करके बनाई जानी है। परंतु मुखिया जी जलसहिया को बिना कुछ बताए जबरन राशि निकासी वाले फॉर्मेट पर हस्ताक्षर करवा कर विभाग को सौंप दे रहे हैं। फिर विभाग के द्वारा जलसहिया को बिना कोई सूचना दिए योजना की राशि सीधे तौर पर वेंडर के अकाउंट में भेज दिया जा रहा है।
ऐसे में जलसहिया अपने आप को असहाय महसूस कर रही है। जलसहिया को यह भी जानकारी नहीं दी जा रही है कि वेंडर को कितना पैसा भेजा गया है, और उन पैसे से क्या-क्या काम करवाना है। मुखिया एवं विभाग मिलकर सब मैनेज कर रहे हैं। यदि जलसहिया इन सब का विरोध करती है तो कहा जाता है कि अगर आप लोग हल्ला करेंगी तो राशि निकासी का दूसरा उपाय भी निकाल लिया जाएगा।
जलसहिया को साइड कर दिया जाएगा। इस कार्य में पीएचइडी विभाग, प्रमंडल संख्या -1 के कार्यपालक अभियंता ज्यादा भूमिका निभा रहे हैं। इसकी लिखित शिकायत पूर्व में भी जलसहिया संघ के द्वारा उपायुक्त गिरिडीह, उप विकास आयुक्त गिरिडीह एवं विभाग के उच्च अधिकारियों को भी जा चुकी है। इसके बावजूद कार्यपालक अभियंता के कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है।
इसलिए बाध्य होकर झारखंड राज्य जलसहिया कर्मचारी संघ, जिला -शाखा गिरिडीह ने निर्णय लिया है कि इस खुली लूट और मनमानी के खिलाफ उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर उच्च अधिकारियों से लिखित शिकायत की जाएगी।