राजनीति विज्ञान विभाग में पर्यावरण व अध्यात्म विषय पर आयोजित हुआ व्याख्यान।
आज जल और वायु सबसे कीमती है: डीआईजी मुन्ना कुमार सिंह।
मानव ने ईंटों को तो बनाया लेकिन इन्हीं ईटों से दीवारें बना डाली। अब समय आ गया है इन दीवारों को ढहा देने का तथा पुल बनाकर सबके साथ फिर से जुड़ने का। उक्त बातें भोपाल में पदस्थापित सीआरपीएफ के डीआईजी श्री मुन्ना कुमार सिंह ने कही। वह शनिवार को विनोबा भावे विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में कुलाधिपति व्याख्यान दे रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने किया।
श्री मुन्ना कुमार सिंह ने सुविख्यात जापानी वैज्ञानिक एवं ईमोटो पीस प्रोजेक्ट के वैश्विक निदेशक, मिचीको हायाशी की ‘पावर ऑफ़ वाटर’ सिद्धांत की चर्चा की। साथ ही उन्होंने विश्व प्रसिद्ध डॉ मासारू इमोटो जल प्रयोग को भी बताया। इस क्रम में उन्होंने बताया कि एक पात्र में यदि जल को कुछ अच्छे स्थानों पर और कुछ बुरे स्थान पर रख दिया जाए तो कुछ समय बाद अच्छे स्थानों पर रखे जल मुस्कुराते हुए दिखेंगे और बुरे स्थान पर रखे जल मुरझाए हुए पाए जाएंगे।सीआरपीएफ के वरीय अधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में सुखा बढ़ रहा है। हमें जल को स्वच्छ और जीवंत रखना है। यह भी बताया कि हमारे शरीर के अंदर अपनी वाणी में, दिमाग में, शरीर में तथा आत्मा में जो जल है उसे भी स्वच्छ रखना है। उन्होंने बताया कि साक्षर होना और शिक्षित होना दो अलग-अलग विषय है। अध्यात्म के साथ विषय को जोड़ते हुए बताया कि संचित ज्ञान और संचित धन तभी मोक्ष दिला सकती है जब इसका उपयोग दूसरों के लिए किया जाए। समृद्धि भी एक दूसरे को मदद करने से आती है। इस संबंध में उन्होंने भारत की प्राचीन काल से चली आ रही गुरुकुल तथा आश्रम व्यवस्था की चर्चा की। कहा कि शरीर को स्वस्थ रखना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इसमें आत्मा का निवास होता है। शरीर पर सात चक्र होते हैं। इसे जगाने से आनंद आता है तथा ईश्वर से संपर्क स्थापित होता है।
श्री मुन्ना कुमार सिंह ने बताया कि पर्यावरण सबसे बड़ी चीज है। इसमें संगीत और सौहार्द दिखती है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को अपने गांव के ऋण के बारे में याद दिलाया तथा कहा कि इस ऋण को जरूर अदा करनी चाहिए। गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर का नाम लेते हुए उन्होंने बताया की स्वतंत्रता ‘किसी से’ नहीं ‘किसी के लिए’ प्राप्त होती है। रूसो की चर्चा करते हुए उन्होंने उसे मार्ग को चुना श्रेयस्कर बताया जिसमे अधिकांश लोगों की भलाई की जा सकती है। इस संबंध में उन्होंने लोकतंत्र को आवश्यक बताया। कहा की सबको बोलने की आजादी मिलनी चाहिए।
डीआईजी मुन्ना कुमार सिंह ने विद्यार्थियों से पूछा कि क्या आपने कभी देखा है किसी जानवर को प्रकृति को नष्ट करते हुए? यह काम तो मानव कर रहा है। इसके पश्चात एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया। वरीय प्राध्यापक डॉ प्रमोद कुमार ने अतिथि का स्वागत तथा मंच संचालन का कार्य किया। कार्यक्रम में डॉ अजय बहादुर सिंह, डॉ रोशन कुमार, शोधार्थी तथा चतुर्थ व द्वितीय समसत्र के विद्यार्थी उपस्थित हुए।