काठीकुंड के विभिन्न गांवों में स्थित आदिवासियों का धार्मिक स्थल मांझी थान रख रखाव के अभाव में जर्जर
संबंधित लोगों की उदासीनता से ग्रामीण मांझी थान में पूजा अर्चना छोड़कर रखने लगे हैं जलावन की लकड़ी
काठीकुंड(दुमका) : काठीकुंड प्रखंड के विभिन्न गांवों के संथाल बस्तियों में स्थित मांझी थान जर्जर हालत में है।विभाग और ग्राम प्रधान जर्जर मांझी थान के प्रति उदासीन है। अब तो ग्रामीणों भी मांझी थान में पूजा अर्चना छोड़ कर लकड़ी रखने का काम में करते हैं। जबकि सरकार के द्वारा ग्राम प्रधान, जोगमांझी,गोडैत,परानिक को सम्मानित राशि दी जा रही है और अपने अपने गांव में ग्राम सशक्तिकरण के लिए अधिकृत किया गया है। बावजूद ग्राम प्रधान व अन्य सदस्य भी जर्जर मांझी थान की मरम्मत कराने के लिए पहल तक नहीं कर रहे है। यहां तक प्रत्येक महीने को प्रखंड कार्यालय में अंचलाधिकारी के द्वारा ग्राम प्रधान व अन्य सदस्यों की बैठक आयोजित कर विकास योजनाओं,ग्राम सभा,गांव के विकास को लेकर चर्चा की जाती है। अब तो किसी गांव में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्राम प्रधान के अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर विकास योजनाओं का खाका तैयार किया जाता है। ऐसे में आदिवासीयों के धार्मिक स्थल मांझी थान को दरकिनार करने से मांझी थान के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। जबकि संथाल बस्तियों में मांझी थान का विशेष महत्व है। किसी भी संथाल बस्ती को बसाने के लिए के पहले मांझी थान की स्थापना की जाती है।