वॉलंटरी ब्लड डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए ब्लड डोनर आर्गेनाइजेशन के साथ संगठन विस्तार हेतु बैठक
सर्वसम्मति से राधेश्याम को अध्यक्ष, जतिन को सचिव एवं सारिक को कोषाध्यक्ष का दायित्व
दुमका से दीपक कुमार की रिपोर्ट
सिविल सर्जन दुमका कार्यालय सभागार में वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन जमशेदपुर द्वारा वॉलंटरी ब्लड डोनेशन को बढ़ावा देने हेतु ब्लड डोनर आर्गेनाइजेशन के साथ संगठन का विस्तार हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। यहां मुख्य अतिथि के रूप में दुमका के उप विकास आयुक्त अभिजीत सिन्हा एवं विशेष अतिथि के रूप में डॉक्टर एम सोरेन मौजूद थे।
बैठक में मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथि को जतिन कुमार के द्वारा पौधा एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। मौके पर दुमका के विभिन्न संगठन राष्ट्रीय सेवा योजना, दुमका जिला निफा, रेड क्रॉस सोसाइटी, सिविल सोसाइटी दुमका, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दुमका, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सतन आश्रम दुमका, सर्वे संतु निरामय, कौशल विकास केंद्र, एसपी कॉलेज दुमका, शैली सृजन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
वालंटियर ब्लड डोनर संगठन फाउंडर झारखंड से सुनील मुखर्जी ने कहा कि थैलासीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए प्रशासनिक तौर पर एक करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर खुशी जताई। प्रदीप घोषाल ने ब्लड और ब्लड डोनर को आगे आकर संगठित होने की बात कही।
मौके पर नवीन चंद्र ठाकुर, स्वामी आत्मानंद पुरी, डॉक्टर राजकुमार उपाध्याय, राधेश्याम वर्मा, जतीन कुमार, हिमांशु मिश्रा, संताल परगना महाविद्यालय की अध्यापिका डॉक्टर पूजा गुप्ता, अभिषेकता दास अभिषेक रंजन, विकास ठाकुर, अंजनी शरण, डॉक्टर रंजीत कुमार दुबे, अंकित कुमार गुप्ता, धनंजय कुमार, संदीप कुमार बमबम, सारिक खुर्शीद, सकलदेव यादव, अभिषेक गुप्ता, मिथिलेश कुमार मांझी, बुलंदर यादव आदि मौजूद थे। सर्वसम्मति से ब्लड वालंटियर आर्गेनाइजेशन दुमका का अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा को, जतिन कुमार को सचिव एवं सारिक खुर्शीद को कोषाध्यक्ष का दायित्व दिया गया। जिसके नौ सदस्यों का चुनाव करने की प्रकिया अभी शेष रखी गई है।
इस पूरे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रक्तदान को लेकर आज भी लोगों के मन में कई सारी गलत धारणाएं मौजूद हैं, जिसे दूर करना है। ज्यादातर लोग ऐसा सोचते हैं कि ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आ जाती है और फिर कई बीमारियां लग सकती हैं जो कि पूरी तरह से गलत धारणा है।
मुख्य अतिथि डीडीसी अभिजीत ने कहा कि रक्तदान हम सभी की सामुदायिक जिम्मेदारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में जाने वाले सात लोगों में लगभग एक व्यक्ति को खून की जरूरत होती है, कई बार खून की कमी से लोगों की जान तक चली जाती है। इसी कारण ब्लड के महत्व को समझते हुए एक संघटन की नींव रखी गई।