वन-अर्थ वन-फैमिली थीम पर जी20 सम्मेलन में हुई चर्चा

जी20 सम्मेलन में भारत से दुबई होते हुए यूरोप तक बनेगा रेल कॉरिडोर, बनी सहमति | वन अर्थ वन फैमिली थीम पर जी20 सम्मेलन में हुई चर्चा | भारत की पहल पर पहली बार जी-20 में अफ्रीकन यूनियन को दे दी गई पूर्ण सदस्यता |

एसएनएस24न्यूज, दिल्ली :

घोषणापत्र पर सभी देशों की सहमति | भारत से दुबई होते हुए यूरोप तक बनेगा रेल कॉरिडोर | जी20 सम्मेलन का पहला दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है। पहले दिन ही दिल्ली घोषणापत्र पर सर्वसम्मति बनाकर देश ने इतिहास रच दिया है।

 

सम्मेलन के पहले सत्र में वन अर्थ थीम पर चर्चा हुई वहीं दूसरे सत्र में वन फैमिली पर। दिल्ली घोषणापत्र के शत-प्रतिशत बिंदुओं पर सभी देशों ने अपने पूर्ण सहमति दी है। बैठक की शुरुआत पर जबरदस्त रही।

 

 

 

भारत की पहल पर पहली बार जी-20 में 55 देशों वाले अफ्रीकन यूनियन को पूर्ण सदस्यता दे दी गई। इसके बाद अब यह मंच 21 सदस्यों वाला हो गया है। एक्सपर्ट भी भारत लेकर एक बड़ी कामयाबी बता रहे हैं क्योंकि भारत ने यह तक करके दिखाया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दुनिया दो भागों में बंटी हुई है। से उड़ सकते हैं।

 

घोषणा मोटे तौर पर 5 प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है:

मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास

एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता। 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना। 73 ऐसे मामले थे जो विश्व की मोजूदा समस्याओं से जुड़े थे, का हल निकालने पर सहमति बनी है। वहीं, 39 ऐसे मसले थे जिन पर जरूरी दस्तावेजों के साथ सहमति बनाने पर चर्चा हुई है। जी20 ने अपने नेताओं के घोषणापत्र में चन्द्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए भारत को बधाई दी। जी20 नेताओं के घोषणापत्र में कहा गया कि हम गहरी चिंता के साथ कह रहे कि अत्यधिक मानवीय पीड़ा हुई है और युद्धों एवं संघर्ष का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

यूक्रेन संघर्ष पर जी20 घोषणापत्र में कहा गया है कि हमने यूएनएससी और यूएनजीए में अपनाए गए देश के रुख और प्रस्तावों को दोहराया और साथ ही कहा गया है कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या धमकी देना अस्वीकार्य है। यह मानते हुए कि जी20 भू-राजनीतिक मुद्दों को हल करने का मंच नहीं है, घोषणापत्र में स्वीकार किया गया है कि इन मुद्दों का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है। जी20 घोषणापत्र में आपूर्ति श्रृंखला, वृहद वित्तीय स्थिरता, मुद्रास्फीति और विकास पर यूक्रेन संघर्ष के नकारात्मक प्रभाव का उल्लेख है।

जी20 घोषणापत्र ने कहा कि मने मानवीय पीड़ा, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के संबंध में यूक्रेन में युद्ध के नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। जी20 घोषणापत्र में कहा गया है कि यूक्रेन संघर्ष ने देशों, विशेष रूप से विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए नीतियों पर जटिलता उत्पन्न कर दी है। जी20 घोषणापत्र में यह भी कहा गया कि सभी देशों को किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ उसके भू-भाग पर कब्जे के लिए बल के इस्तेमाल या धमकी देने से बचना चाहिए।

साथ ही कहा गया कि किसी भी जगह, किसी भी रूप में, किसी भी तरह के आतंकवादी कृत्य को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता। इसमें जोर दिया गया कि संघर्षो का शांतिपूर्ण समाधान और संकटों के समाधान के प्रयास के साथ-साथ कूटनीति और बातचीत महत्वपूर्ण है।

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