संसदीय समिति ने की साइबर ठगी के पीड़ितों के खाते में बैंक की तरफ से फौरन पैसा डालने की सिफारिश आज मैं बात कर रही हूं साइबर क्राइम के शिकार हुए लोगों को मिलने वाली राहत के संबंध में।
भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्तीय मामलों पर बनी संसदीय स्थायी समिति ने लोकसभा में रखी रिपोर्ट में कहा है कि आरबीआई को खुद ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि बैंक व अन्य वित्तीय संस्थान ग्राहकों से ठगा गया पैसा ऑटोमेटिक प्रणाली से लौटा दी जाए, इसे बैंक अपनी जिम्मेदारी मानें। रिपोर्ट में कहा गया कि साइबर अपराध लगातार नये-नये रूप में सामने आ रहे हैं।
ग्राहकों को इनसे बचाने के लिए बेहद जटिल सुरक्षा तंत्र होना चाहिए। समिति ने कहा कि ठगी के शिकार ग्राहकों को तीन दिन में अपने से हुए अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा जा रहा है। यह अवधि बढ़ाकर 7 दिन कर देनी चाहिए। ग्राहकों को इससे राहत मिलेगी। समिति ने एक अन्य गड़बड़ी की ओर ध्यान दिलाया कि खातों से लेन-देन का एसएमएस ग्राहकों को अक्सर नहीं भेजा जा रहा।
सूचनाएं तत्काल नहीं भेजी जाएंगी, तो अपराधियों द्वारा खातों से पैसा उड़ाते वक्त भी लोगों को सूचना नहीं मिलेगी और अपराध होता रहेगा। संसदीय समिति ने कड़े शब्दों में कहा-संस्थान एसएमएस नोटिफिकेशन सेवाएं तत्काल सुधारें। वहीं, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने देश में साइबर अपराध के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने और डिजिटल युग में नागरिकों के हितों और अधिकारियों की रक्षा के लिए डाटा सुरक्षा कानून लाने की सख्त जरूरत बताई है।
समिति ने अपनी 48वीं रिपोर्ट में कहा है कि डाटा सुरक्षा कानून को लागू करने में देरी से लोगों को विभिन्न तरह के खतरों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही नागरिकों के गोपनीयता अधिकारों से भी समझौता करना पड़ सकता है। समिति ने कानून को तत्काल अमलीजामा पहनाने की वकालत की है।