जोहार संस्थान में किया गया पंडित अनूप कुमार वाजपेयी द्वारा सम्पादित पुस्तक “पूर्वी भारत के दुमका जिला की धार्मिक-सांस्कृतिक-पुरातात्त्विक झलक” का लोकार्पण
दुमका संवाददाता: सोमवार दो अक्टूबर को दुमका के जोहार संस्थान में पंडित अनूप कुमार वाजपेयी द्वारा सम्पादित पुस्तक “पूर्वी भारत के दुमका ज़िला की धार्मिक-सांस्कृतिक-पुरातात्त्विक झलक” का लोकार्पण किया गया। पुस्तक के लेखक पंडित अनूप कुमार वाजपेयी और आचार्य चन्द्रशेखर यादव हैं। लोकार्पण समारोह प्रयास फॉउंडेशन फॉर टोटल डेवलपमेंट संस्था के तत्तावधान में आयोजित किया गया। लोकार्पण पदाधिकारियों,लेखकों, पत्रकारों,सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों आदि ने सामुहिक रूप से किया।
मौके पर पुस्तक के लेखक पंडित वाजपेयी ने अपने लेखकीय अनुभव को साझा करते हुए कहा कि “इसके लेखन में अन्वेषण के दौरान मैंने जंगल-पहाड़ों में बिखरे पुरातात्त्विक महत्त्व के अवशेषों,जीवाश्मों, धार्मिक-ऐतिहासिक स्थलों के इतिहास को सचित्र समेटने का प्रयास किया है।इस पुस्तक की सार्थकता तभी सिद्ध हो सकती है जब सरकार इस क्षेत्र के पुरातात्त्विक स्थलों के संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाये।उन्हीं स्थलों में दुमका जिला के जरमुंडी अंचल के बरमसिया में स्थित एक ऐसी चट्टान है,जिसपर जीवाश्मरूप में मानवों की पदछापें, गिलहरी,मछली,हिरण के खुर आदि की छापें हैं,जो यह बताते कि सभ्यता की शुरूआत यहीं से हुई थी। दुमका जिले में खोजी गयी कुल 48 पाषाण हथियारों के अलावा प्राय: सभी धार्मिक स्थलों का सचित्र उल्लेख पुस्तक में है।
इसी कड़ी में आचार्य चन्द्रशेखर यादव ने कहा कि यह पुस्तक शोधार्थियों, पर्यटकों एवं जिज्ञासुओं के लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगी।
कार्यक्रम में उपस्थित एसएसबी कमांडेंट मनोरंजन पांडेय ने कहा कि पंडित वाजपेयी द्वारा खोजी गयी जीवाश्मों वाली चट्टान का यदि संरक्षण हो तो यह विश्व की धरोहर बन सकती है। हर कोई अपने उद्गम का इतिहास जानना चाहता है,ऐसे में यह चट्टान महत्त्वपूर्ण है। अपने वक्तव्य में सिदो-कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ धनंजय मिश्रा ने लेखकद्वय को बधाई देते हुए कहा कि “मैं अपने विश्वविद्यालय में इस पुस्तक को संस्कृत और इतिहास विषय के लिये सन्दर्भ-ग्रंथ के रूप में शामिल करने की सिफारिश करूँगा,चूँकि यह शोधार्थियों,प्रतियोगी परीक्षा के विद्यार्थियों के लिये भी महत्वपूर्ण है|
आकाशवाणी भागलपुर से सेवानिवृत्त वरिष्ठ उद्घोषिका सह सुविख्यात लेखिका डॉ मीरा झा ने कहा कि पंडित वाजपेयी के खोजी कार्य से मैं वर्षों से अवगत हूँ। उसी कड़ी में है यह पुस्तक,जो पुरातत्त्व के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। सेवानिवृत्त एडीएम चतुर्भुज नारायण मिश्र ने कहा कि पंडित वाजपेयी की पुरातत्त्व पर पकड़ है। लेखन जगत् में इनसे लोगों को ढेर सारी अपेक्षाएँ हैं।
सेवानिवृत्त पदाधिकारी अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि संताल परगना प्रमंडल की संस्कृति काफी समृद्ध रही हैं। पंडित वाजपेयी ने लेखनी के माध्यम से उन्हें सामने लाने का महत्त्वपूर्ण प्रयास किया है। सेवानिवृत्त पदाधिकारी शिवनारायण यादव ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पुस्तक की विवेचना करते हुए कहा कि इस तरह की पुस्तक की प्रमाणिकता को लेकर बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, तब जाकर इस प्रकार की खोजी चीजें वैश्विक फलक पर स्थान पाती हैं और सर्वमान्य होती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता कामदेव राय ने कहा कि अब से बारह साल पुर्व बरमसिया मे आदिमानवों की पदछापों वाली चट्टान खोज पंडित वाजपेयी ने की थी। तब से लगातार हमलोग इस चट्टान की सुरक्षा कर रहे हैं। इस अवसर पर एसपी कॉलेज के संस्कृत विभागाक्ष नृपेन्द्र पाठक, भागवत झा आजाद कालेज,कुंडहित के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार द्विवेदी,पत्रकार सुमंगल ओझा,अमरेन्द्र सुमन,बाजार समिति के राजीव रंजन आदि ने भी अपने विचार प्रकट किये।
मंच संचालन करते हुए जनमत शोध संस्थान के सचिव अशोक सिंह ने कहा कि समीक्षा प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित पंडित वाजपेयी की यह पुस्तक बहुत ही महत्त्वपूर्ण और उपयोगी है।आशा करता हूँ कि इस पुस्तक की अनुगूँज दूर तक जायेगी और देर तक बनी रहेगी। पंडित वाजपेयी की दो पुस्तकें सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत और एक पुस्तक स्नातकोत्तर इतिहास में शामिल हैं, जो इनके श्रमसाध्य कार्य को प्रमाणित करती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रयास फाउण्डेशन के मधुर कुमार सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह हमारे संस्थान का सौभाग्य है कि पंडित वाजपेयी की कई पुस्तकों का लोकार्पण हमारी सनस्था द्वारा किया गया है। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि आगे भी इनकी पुस्तकों का लोकार्पण के लिये हमारी संस्था तत्पर रहेगी।
मौके पर लेखक पंडित वाजपेयी के पिता प्रेम कुमार वाजपेयी,उनके मित्र चन्द्र शेखर मिश्रा सहित ललन वाजपेयी,कौशिक वाजपेयी,सरोज कुमार वाजपेयी,कृश वाजपेयी, अनीश वाजपेयी,अंजनी शरण,ग्राम प्रधान फणी भूषण राय,सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह,पत्रकार राकेश कुमार मुन्ना,सिकंदर कुमार,सुबीर चक्रवर्ती,आनन्द जायसवाल,मनोज केसरी,विनोद सारस्वत,कुमार प्रभात आदि उपस्थित थे।