मंदिर शिफ्टिंग विवाद को लेकर कारों के विस्थापित दो फाड़। प्रबंधन प्रशासन और जनप्रतिनिधि का प्रयास बेअसर।
बेरमो।
सीसीएल बीएंडके क्षेत्र अंतर्गत कारो खुली खदान के विस्तार को लेकर शिव मंदिर विस्थापन को लेकर प्रबंधन, प्रशासन और जनप्रतिनिधि के मैराथन बैठक अब तक ढाक के तीन पात साबित हुआ है। काफी प्रयास और समझाने – बुझाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी है। मंदिर शिफ्टिंग और कारो बस्ती के विस्तापतों को नियोजन और मुआवजा के मुद्दे पर कारों के विस्थापित दो फार हो गए हैं। एक गुट प्रबंधन की शर्तों के साथ सहमत है तो दूसरा गुट बिना बस्ती की शिफ्टिंग, मुआवजा नियोजन और पुनर्वास की समुचित व्यवस्था हुए प्रबंधन की वर्तमान शर्ते के साथ सहमत नहीं है। हालांकि प्रशासन दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हो रहा है। एक गुट पहले कारो बस्ती का विस्थापन करने तब मंदिर को शिफ्ट करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इस संबंध में रंजीत महतो,अशोक महतो और चन्द्रदेव महतो ने कहा कि प्रबंधन मनमानी नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण कारो बस्ती इस बात को लेकर एकमत है कि पहले बस्ती का शिफ्टिंग तथा पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रभावितों को नियोजन और उचित मुआवजा मिलनी चाहिए। इसके बाद ही शिव मंदिर को शिफ्ट होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन संकीर्ण मानसिकता के तहत काम करना चाहती है। वह मंदिर को शिफ्ट कराकर कारो बस्ती के शिफ्टिंग का मामला लटकना चाहती है। यदि प्रबंधन, प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस समस्या का निराकरण चाहती है तो उन्हें यथाशीघ्र कारो बस्ती को शिफ्टिंग कर पुनर्वासित करने और प्रभावितों को नियोजन और समुचित मुआवजा की व्यवस्था करनी चाहिए। बताते चले की कारो खुली खदान मे पिछले तीन माह से उत्खनन स्थल के अभाव मे कोयला उत्पादन बंद होने के कारण अब तक सरकार को 84 करोड रुपए का नुकसान हो चुका है।
माइंस के बंद रहने से हजारों लोग रोजगार से वंचित हो रहे हैं। बेरमो अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर मामले की निराकरण के लिए 3 मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया था। बेरमो के प्रभारी सीओ मधु कुमारी,थाना प्रभारी अशोक कुमार व अनूप कुमार ने समस्या के निराकरण के लिए विस्थापितों से कई दौर की वार्ता की और वार्ता का सिलसिला जारी है। बीएंडके जीएम एम के राव ने कहा कि विस्थापितो को उसका उचित अधिकार देने के लिए प्रयासरत है। गांव का शिफ्टिंग बहुत जल्द से जल्द करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा हू।
इस अवसर पर झामुमो जिलाध्यक्ष हीरालाल मांझी व सचिव जय नारायण महतो, विस्थापित नेता बिनोद महतो, बीएडके एसओ माइनिंग केडी प्रसाद, पीओ सत्येंद्र प्रसाद, एसओ पीएंडपी एसके झा, सेल ऑफिसर मनोज सिंह, एरिया सेफ्टी ऑफिसर सौरभ नारायण सिंह, जबकि ग्रामीणों में मेघनाथ सिंह, परशुराम सिंह, जिबू विश्वकर्मा, सोहनलाल मांझी, हेमलाल महतो,भरत यादव, रोहन कुमार, तुलसी विश्वकर्मा, राजू सिंह, सुरेंद्र गंझं, कामिनी देवी, संजय गंझू, अजय गंझू, नंदलाल महतो, कामिनी देवी, बुघनी देवी, कौशल्या देवी आदि शामिल थे।