झारखंड की प्रकृति और संस्कृति की विरासत को बचाए रखना जरूरी

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झारखंड सांस्कृतिक मंच ने किया करम जावा महोत्सव का आयोजन | झारखंड की प्रकृति और संस्कृति की विरासत को बचाए रखना उनका उद्देश्य |

नरेश कुमार, बोकारो: झारखंड में मनाए जाने वाला पर्व कर्मा को लेकर झारखंड सांस्कृतिक मंच के द्वारा बोकारो के चास स्थित दीपांजलि पैलेस में करम जावा पर्व महोत्सव का आयोजन किया गया। यह महोत्सव झारखंड सांस्कृतिक मंच के द्वारा हर वर्ष आयोजित की जाती है। झारखंड सांस्कृतिक मंच के केंद्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय राजेंद्र महतो के द्वारा बोकारो में इस पर्व को काफी बड़े पैमाने और धूमधाम से मनाया जाता रहा है। वहीं उनके निधन के बाद उनके पुत्र विक्रम महतो ने इस विरासत को आगे बढ़ते हुए जारी रखा है। कार्यक्रम कि शुरुआत मुख्य अतिथियों के द्वारा स्वर्गीय राजेंद्र महतो की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते हुए दीप प्रज्वलित कर की गई।

इस दौरान बोकारो के कोने-कोने से सुदूर ग्रामीण इलाकों से आए टीमों के द्वारा बहनों ने कर्मा जावा के गीत गाते हुए नृत्य प्रस्तुत किया, जो दर्शकों को यह सांस्कृतिक पर्व खूब भाया। इस दौरान स्वर्गीय राजेंद्र महतो के पुत्र विक्रम महतो ने कहा कि करम जावा महोत्सव में लगभग 10 टीमों की बहने भाग ली है जहां विजेता उप विजेता टीमों को पुरस्कृत किया जाएगा वहीं सभी आए हुए टीमों को सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथियों को भी सम्मानित किया गया।

उन्होंने कहा कि झारखंड सांस्कृतिक मंच का उद्देश्य ही है कि झारखंड की प्रकृति और संस्कृति की विरासत को बचाए रखने तथा उसे जन-जन तक पहुंचाते हुए उसे जीवित रखा जाए, ताकि यहां की संस्कृति और प्रकृति की खूबसूरती को जान सके स्वर्गीय राजेंद्र महतो के द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी। उनके बाद झारखंड सांस्कृतिक मंच के सहयोग से आगे भी जारी रखा जाएगा।

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