सभी सरकारी/गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थान को “तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान” का बोर्ड लगाना अनिवार्य

■ सभी सरकारी / गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थान को “तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का बोर्ड लगाना अनिवार्य है।

■ तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान घोषित के लिये स्कूल अपने स्तर से कार्य करे।

■ तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान घोषित के लिये स्कूल में 9 बिन्दुओ पर कार्य करना जरूरी।
बोकारो: कोलम्बस पब्लिक स्कूल कुसमा चास बोकारो में तम्बाकू के दुष्परिणाम विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत स्कूल के प्राचार्या एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि डा० प्रशान्त कुमार मिश्रा एवं मो० असलम जिला परामर्शी तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के द्वारा सभी बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणाम, तम्बाकू में पाये जाने वाले जहरीले तत्व तम्बाकू प्रयोग से स्वास्थ्य पर दीर्घ अवधी परिणाम, Second hand Smoke व उससे होने वाले नुकसान, तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र व तम्बाकू छोडने के उपाय, तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान कैसे किया जाये और इसमें बच्चों की क्या जवाबदेही है इसके बारे में बताया विस्तृत जानकारी दी गई।

जिला परामर्शी मो० असलम द्वारा बताया गया कि भारत सरकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई गाईडलाईन व सी०बी०एस०सी० बोर्ड के द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी स्कूल में टाफी गाईडलाईन का अनुपालन करना अनिवार्य है।

■ टाफी गाईडलाईन क्या कहता है-

• विद्यालय के मुख्य द्वार पर तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का बोर्ड / दिवाल लेखन होना चाहिए ।

• विद्यालय के अन्दर यह परिसर / भवन तम्बाकू मुक्त है इसका बोर्ड / दिवाल लेखन होना चाहिए।

• परिसर के अन्दर तम्बाकू, तम्बाकू उत्पाद के उपयोग का कोई सबूत नहीं है, अर्थात सिगरेट / बीडी बटस या छोड़े गए गुटका / तम्बाकू के पाउच / थूकने के धब्बे नही होना चाहिए।

• परिसर में तबाकू के दुष्परिणाम को दर्शाती पोस्टर एवं अन्य जागरूकता सामग्री का प्रदर्शन किया गया हो।

• पिछले 6 महीनों के दौरान कम से कम एक बार तम्बाकू नियंत्रण पर कोई गतिविधि का आयोजन करना ।

• तम्बाकू मॉनिटर का नाम / पदनाम और सम्पर्क नम्बर का उल्लेख साइनेज पर किया गया हो।

• शिक्षण संस्थान के आचार संहिता के कोड में तम्बाकू का उपयोग नहीं किए जाने संबंधित मानदंड का समावेश ।

• शिक्षण संस्थान की चाहरदीवारी से 100 गज क्षेत्र के दायरे में पीली रेखा द्वारा तम्बाकू मुक्त क्षेत्र अंकित किया गया हो।

• शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली दुकाने न हों।

स्कूल प्राचार्या द्वारा बच्चों को बताया गया कि तम्बाकू कई प्रकार के है जो मार्केट के अन्दर मिलते है कुछ स्मोकिंग वाले होते है और कुछ चबाने वाले तम्बाकू किसी भी तरह से लिया जाये तो वह नुकसान करता है चाहे चबा कर पी कर या मंजन के शकल में लिया जाये। ऐसे में हम सभी आज दृढ संकल्प लें कि आज से तम्बाकू न हम प्रयोग में लायेंगे और न ही हम अपने घरो में इसका उपयोग करने देगे तभी यह कार्यक्रम सफल हो पायेगा और हम सबसे पहले अपने विद्यालय और फिर अपने देश को तम्बाकू मुक्त कर पायेंगे।

कार्यक्रम में स्कूल के प्राचार्या, स्वास्थ्य विभाग से डा० प्रशान्त कुमार एवं जिला परामर्शी मो० असलम तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, सोशल वर्कर छोटेलाल दास, विद्यालय के शिक्षक, स्टाफ व बच्चे उपस्थित थे।

Next Post

दारू प्रखंड के नए बीडीओ मनीष कुमार ने संभाला पदभार

Mon Oct 16 , 2023
हजारीबाग: दारू प्रखंड के नए […]

ताज़ा ख़बरें