बिनोद बाबू थे झारखंड के दबे कुचले शोषित वर्ग के लिए एक आदर्श

vinod bihari mahto jayanti

तेनुघाट : तेनुघाट महाविद्यालय में शनिवार को राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में समाजसेवी एवं साम्यवादी विचारक बिनोद बिहारी महतो की जयंती मनाई गई। मौके पर महाविद्यालय के प्रोफेसर गण एवं विद्यार्थियों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सुदामा तिवारी ने कहा कि स्व बिनोद बाबू ने लोगों को शिक्षित होकर अपने हक के लिए लड़ने का हौसला दिया था। उन्होंने कहा कि विनोद बाबू झारखंड के दबे कुचले शोषित वर्ग के लिए एक आदर्श थे।

आदिवासी गरीबों के उत्थान के लिए बहुत से विकास के कार्य किए कहा कि पढ़ो और लड़ो का नारा भी उन्ही की देन है। एनएसएस पदाधिकारी प्रो रावण मांझी ने उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिनोद बिहारी महतो का जन्म आज हीं के दिन 23 सितंबर 1923 हुआ था। उनका निधन 18 दिसंबर 1991 को हृदय गति रुक जाने के कारण हो गया था।

तब वे गिरिडीह लोकसभा से सांसद थे। कहा कि बिनोद बाबू ने पढ़ो ओर लड़ो का नारा दिया था। उन्होने गाँव के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का काम किया था। स्व. बिनोद बिहारी महतो ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा पर जोर दिया था।कहा कि उनका झारखंड आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान था जिसके कारण झारखंड राज्य अलग हुआ है। मौके पर प्रो महावीर यादव, प्रो धनन्जय रविदास, प्रो दिनेश्वर स्वर्णकार, शिक्षकेत्तर कर्मी प्रमोद कुमार, विनय कुमार यादव, अभिषेक कुमार सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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