सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर का सम्बोधन (25.02.2021)
जैसे आपको पता है कि नई टेक्नोलॉजी का एक अच्छा फल है कि डिजिटल मीडिया न्यूज पोर्टल बन गए, वैसे ही ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आ गये। लेकिन एक फर्क रहा कि जो आप लोग बैठे हैं, प्रेस से जो आते हैं उनको प्रेस काउंसिल का कोड फॉलो करना पड़ता है लेकिन ऐसा डिजिटल मीडिया पोर्टल को कोई बंधन नहीं है। यहां टी वी के लोग हैं, उनको के बल नेटवर्क एक्ट में जो प्रोग्राम कोड है वह उनको फॉलो करना पड़ता है लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ऐसा कोई नियम नहीं है और इसलिए सरकार ने यह समझा कि एक लेवल प्लेइंग फील्ड होना चाहिए। और इसलिए डिजिटल हो या प्रिंट हो या टी वी हो या ओटीटी हो, कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा, कु छ प्रोसेस सेट करना पड़ेगा। और लोगों की मांग भी बहुत थी, रोज सैकड़ों पत्र मंत्रालय में आते थे। इस बार संसद के सत्र में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 50 पश्न पूछे गए, दोनों सदन में मिलकर। इस विषय में देशभर में कितनी चर्चा है उसका यह उदाहरण है। एक इंस्टीट्यूशनल मके निज़म सभी मीडिया के लिए होना चाहिए।
क्योंकि मीडिया की आज़ादी लोकतंत्र की आत्मा है।
माननीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी श्री रविशंकर प्रसाद मंत्री का संबोधन (25.02.2021)
भारत में व्यापार करने के लिए सोशल मीडिया का स्वागत है। उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है, उन्हें अच्छा व्यवसाय मिला है, अच्छी संख्या में उपयोगकर्ता मिले हैं और उन्होंने आम भारतीयों को भी सशक्त बनाया है। सरकार आलोचना और असहमति के अधिकार का स्वागत करती है और सोशल मीडिया का इस्तेमाल सवाल पूछने के लिए भी किया गया है, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं को अपनी शिकायत उठाने के लिए मंच दिया जाना चाहिए। सोशल मीडिया के दुरुपयोग और दुरुपयोग के खिलाफ संकल्प। यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की संख्या करोड़ों में है, उन्हें अपनी शिकायतों के समाधान के लिए एक उचित मंच दिया जाना चाहिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग और दुरुपयोग के खिलाफ समयबद्ध तरीके से। हम सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को सशक्त बना रहे हैं। इस चरण का मूल सार एक सॉफ्ट-टच निरीक्षण तंत्र है।